भारत में ऐसे स्थलों की कमी नहीं है जहां कदम-कदम पर नैसर्गिक सुंदरता फैली हुई है परंतु इनमें से कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां तक जाने वाले रास्ते काफी कठिन तथा खतरनाक भी हैं। इनमें से अधिकतर पर्वतीय स्थल हैं जो गर्मियों के मौसम में सैर-सपाटे के लिए बेहद उपयुक्त भी हैं परंतु यहां जाना केवल रोमांचप्रिय तथा जोखिम से न घबराने वाले लोगों के लिए ही सही रहेगा। यहां आपको ऐसे ही कुछ खास स्थलों के बारे में बता रहे हैं।
मार्सिमिक-ला (Marsimik La): भारत के दार्शनिक स्थल
Marsimik La or Marsimek La, elevation 5,582 metres is a high mountain pass in the Chang-Chemno Range in northern India 96 km east of Leh, though much more by road.
Elevation: 5,582 m
Range: Himalayas
Location: India
जम्मू-कश्मीर में लेह के पूर्व में 96 किलोमीटर दूर 5582 मीटर की ऊंचाई वाले स्थलों से अनभिज्ञ उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो इसके अभ्यस्त होना चाहते हैं।
तिब्बती सीमा करीब है इसलिए कई स्थानों पर सुरक्षा की वजह से सेना ने फोटोज खींचने की पाबंदी लगा रखी है।
खार्दूंग ला दर्रा (Khardung La):
Khardung La is a mountain pass in the Ladakh region of the Indian union territory of Ladakh. The local pronunciation is “Khardong La” or “Khardzong La” but, as with most names in Ladakh, the romanised spelling varies. The pass on the Ladakh Range is north of Leh and is the gateway to the Shyok and Nubra valleys.
Elevation: 5,359 m
Range: Himalayas
Did you know: The two bases on either side of Khardung La are North Pullu and South Pullu.
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में स्थित इस दर्रे तक की यात्रा बेहद रोमांचक है। लेह से शुरू होने वाला 39 किलोमीटर का रास्ता काफी चुनौतीपूर्ण है परंतु खूबसूरत पर्वतों तथा घाटियां से गुजरते हुए यह सभी मुश्किलों को भुला देता है। यही वजह है कि लद्दाख में सबसे अधिक लोग यहां जाते हैं।
परंतु ध्यान रखें कि लेह से निकलने के बाद आपको पूरे रास्ते कोई पैट्रोल पम्प नहीं मिलेगा, यहां तक कि नुब्रा घाटी में भी नहीं इसलिए इसका इंतजाम करके ही सफर शुरू करें। अन्य जरूरी चीजें भी साथ रखेंगे तो सफर में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
तवांग (Tawang):
Tawang is a town in the Indian state of Arunachal Pradesh, situated at an elevation of approximately 3,048 metres to the east of Bhutan. The town once served as the district headquarters of West Kameng district, and became the district headquarters of Tawang district when it was formed from West Kameng.
Elevation: 2,669 m
Population: 11,202 (2011)
रोमांचप्रिय सफर की चाह रखने वालों के लिए तवांग का सफर भी हमेशा के लिए यादगार बन सकता है। हालांकि, इस लम्बे सफर के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से भी फिट होना जरूरी है। उत्तर-पूर्व भारत के पहाड़ी रास्ते तथा तेज हवाएं कितने भी रोमांचप्रिय लोगों के छक्के छुड़ा सकती हैं। कई जगहों पर बादलों को छूते हुए निकलेंगे, तो कुछ ऐसी जगह भी होंगी जहां कुछ साफ नहीं दिखता। इस रास्ते पर ट्रक भी खूब चलते हैं यहां जाने के लिए आपके पास परमिट लेना न भूलें क्योंकि तवांग अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। इस ट्रिप के लिए सबसे अच्छा मौसम अप्रैल से मध्य जून तक है। मानसून में अधिक जोखिम है और सर्दियों में तो कुछ साफ दिखाई नहीं देगा।
पांगोग झील (Pangong Tso): भारत के दार्शनिक स्थल
Pangong Tso, Tibetan for “high grassland lake”, also referred to as Pangong Lake, is an endorheic lake in the Himalayas situated at a height of about 4,350 m. It is 134 km long and extends from India to the Tibetan Autonomous Region, China.
Surface elevation: 4,250 m
Length: 134 km
Area: 699.3 km²
Max depth: 100 m
Location: Ladakh
हिमालय पर्वतों में बनी यह सुंदर झील बड़ी संख्या में पर्यटकों तथा रोमांचप्रिय लोगों को आकर्षित करती है। 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झील तक पहुंचने के लिए चांग ला दर्रे को पार करना पड़ता है। आमतौर पर लेह से यहां पहुंचने में 6 से 8 घंटे लग सकते हैं।
हालांकि, इस झील से अधिक आगे न जाएं क्योंकि इलाके के एक हिस्से को लेकर चीन तथा भारत का विवाद रहा है। उस पर वर्तमान में चीन का कब्जा है जबकि हमारा दावा है कि यह इलाका भारत का हिस्सा है।
स्पीति (Spiti): भारत के दार्शनिक स्थल
The Lahaul and Spiti district in the Indian state of Himachal Pradesh consists of the two formerly separate districts of Lahaul and Spiti. The present administrative centre is Keylong in Lahaul. Before the two districts were merged, Kardang was the capital of Lahaul, and Dhankar the capital of Spiti.
Elevation: 4,270 m
Area: 13,833 km²
Population: 31,564 (2011)
हिमाचल प्रदेश में स्थित यह शीत पर्वतीय मरुस्थल घाटी तिब्बत तथा भारत के बीच स्थित है। इस तक पहुंचने के लिए कुछ सबसे कठिन रास्तों में से एक से गुजरना पड़ता है। इसकी एक वजह खराब सड़कें तथा घंटों के लिए लगने वाले ट्रैफिक जाम हैं। यदि यह सब सफर का रोमांच आपको जिंदगी भर याद रहेगा।