वर्तमान सुल्तान साईद काबूस बिन सैद अल सैद ने 1970 में सत्ता हासिल करने के बाद से ओमान का खूब आधुनिकीकरण किया है जिसके चलते खसाब अब एक स्मार्ट सिटी बन चुका है जहां के लिए विभिन्न स्कूलों से लेकर अस्पताल तथा सुपर मार्कीट्स की भरमार है। साथ ही पर्यटक के लिए कई होटल हैं जो ‘अरब के नौर्वे’ के नाम से मशहूर हो चुके इस शहर के सुंदर दृश्यों का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं।
जेबेल हरीम पर्वत:
मुसंदम प्रायद्वीप के 2,087 मीटर वाले सबसे ऊंचे पर्वत जेबेल हरीम पर पहुंच कर ऐसा अहसास होता है जैसे कि आप गुजरे वक्त के सफर पर हों, वह पुराना वक्त जब शायद यह सारा इलाका पानी में डूबा रहा होगा। उष्णकटिबंधीय रेगिस्तानी जलवायु वाले इस इलाके के कभी पानी में डूबे होने की जानकारी कइयों को आश्चर्यचकित कर सकती है क्योंकि आज यहां थोड़ी-सी बारिश ही होती है और मौसम अधिकतर सूखा रहता है।
जेबेल हरिम पर्वत की ओर बढ़ते हुए रास्ते में एक ऐसा हिस्सा आता है कि जहां प्राचीन काल के जीवाश्म तथा चट्टानों पर नक्काशी नजर आती है। यहां की धूलदार सतह पर पानी डालने पर जीवाश्मों का मूल आकार उभर आता है जिनमें मछली के कुछ आकर्षक जीवाश्म स्पष्ट करते हैं कि आज का यह रेगिस्तानी इलाका कभी पानी में डूबा रहा होगा।
इलाके में कुछ पुरानी गुफाएं वक्त की मार सह कर आज भी बची हुई हैं, जहां कभी प्राचीन काल में लोग रहते थे। अब यहां की कठिन परिस्थितियों के चलते सेना की एक टुकड़ी को छोड़कर यहां कोई नहीं रहता है।
खसाब किला:
शहर में पुर्तगालियों के निर्मित 17वीं शताब्दी का खसाब किला भी देखने लायक है। इस ऐतिहासिक बलुआ पत्थर के किले के प्रवेश पर स्थापित तोपों से लेकर भीतर रखी अरब शैली की लकड़ी की नौकाओं तथा जार, आभूषण, कपड़े, शादी की सजावट सहित यहां प्रदर्शित अन्य वस्तुएं हर किसी को प्रभावित कर सकती सकती हैं।
लकड़ी की नौका में समुद्र की सैर:
मसुंदम के प्रमुख आकर्षणों में यहां के अनेक फ्योर्ड (संकरी घाटियों) भी हैं जिनकी सैर ‘ढो क्रूज’ से की जा सकती है। ‘ढो’ अरब शैली में बनी लकड़ी की नौकाओं को कहते हैं। समुद्र में सीधी खड़ी पर्वतीय चट्टानों के बीच ये संकरी घाटियां किसी को भी चकित कर सकती हैं।
रास्ते में 1864 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित टेलीग्राफ केबल रिपीटर स्टेशन के नाम वाले ‘टैलीग्राफ टापू’ को देखना भी न भूलें जो प्रायद्वीप के एकदम मोड़ पर स्थित है।
समुद्री पानी के नीचे की सुंदरता का आनंद लेने के लिए सार्कलिंग के अलावा ‘ढो क्रूज’ के दौरान डॉल्फिन्स से भी मुलाकात हो सकती है। लकड़ी की नाव जैसे-जैसे आगे बढती है, ये बेहद समझदार मछलियां उनके साथ रेस लगाती नजर आ सकती हैं।
मस्कट की खूबसूरत मस्जिद:
ओमान आने पर देश की खूबसूरत राजधानी मस्कट की सैर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
शहर का हवाई अड्डा ही बेहद खूबसूरत है। इस अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को विशाल ताड़ के पेड़ों से लेकर कैक्टस के बागों से भी सजाया गया है।
शानदार सुल्तान काबूस मस्जिद का दौरा करने के लिए आपको वहां की परम्परा के अनुरूपी परिधान पहनने होंगे।
एक खूबसूरत गुंबद और पांच मीनारों जो इस्लाम के पांच स्तंभों का प्रतिनिधित्व करते हैं, से युक्त इस मस्जिद का भारत से भी दिलचस्प संबंध है। ताजमहल से प्रेरित होने के अलावा इसके निर्माण में उपयोग होने के अलावा इसके निर्माण में उपयोग किया गया बलुआ पत्थर भारत से यहां लाया गया था।
इसके विशाल प्रार्थना कक्ष में एक साथ 20,000 से अधिक लोग समा सकते हैं। कक्ष में बिछे फारसी कालीन को यह चार की मेहनत से 600 से अधिक महिलाओं ने हाथ से बुना था। मस्जिद के अन्य विशिष्ट आकर्षणों में यहां लगे शानदार फानूस हैं। हॉल के बीचों-बीच 6 लाख बल्ब वाले सवारोवस्की क्रिस्टल वाले विशाल फानूस के चरों ओर 16 छोटे फानून लगाए गए हैं।