फ्रैंगिपानी फूलों की महक:
हाल के सालों में श्रीलंका सरकार द्वारा हम्बनटोटा बंदरगाह को 99 वर्ष के लिए पट्टे पर चीन को सौंपे जाने पर खूब सुर्खियां बटोरता रहा है।
हालांकि, यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है जो श्रीलंका के हरे-भरे तथा शांत व अनछुई दक्षिणी तटरेखा पर स्थित है। यहां पहुंचने के बाद फ्रैंगिपानी फूलों की महक वाली उष्णकटिबंधीय हवा में सांस लेते हुए व्यक्ति अपने आप रिलैक्स महसूस करने लगता है।
शांगरी-ला रिजॉर्ट:
145 एकड़ में फैले उष्णकटिबंधीय बागों के साथ यहां शांगरी-ला रिजॉर्ट और स्पा रिलैक्स होने के लिए सबसे उत्तम स्थानों में से है। इस रिजॉर्ट में श्रीलंका का पहला ‘इकोलॉजीकल 18-होल गोल्फ कोर्स‘ भी है। नारियल के पेड़ों से भरे मैदान में बना यह गोल्फ कोर्स एक बेहद सुंदर नजारा पेश करता है।
हथियारों का नैशनल पार्क:
हथियारों का श्रीलंकाई संस्कृति में एक विशेष स्थान है। वे इस देश के सबसे बड़े प्रतिक हैं। हम्बनटोटा आने वाले पर्यटकों के लिए उदारवाले नैशनल पार्क की सैर बेहद जरूरी कही जा सकती है। साथ ही एलिफैंट ट्रांजिट होम भी जाना न भूलें जहां अनाथ हाथियों को कुछ वक्त रखने के बाद जंगलों में छोड़ दिया जाता है। यह स्थान इस बात का उम्दा प्रमाण है कि लगाव, प्रेम तथा समर्पण से किस तरह हम अमूल्य जीवों तथा जानवरों का संरक्षण कर सकते हैं।
अन्य आकर्षण:
हम्बनटोटा के निकट स्थित प्रमुख आकर्षणों में बुंदाला नैशनल पार्क भी प्रमुख है जो तरह-तरह के पक्षियों का घर है। यूनैस्को ने इसे बायोस्फियर रिजर्व का दर्जा दिया हुआ है।
यहां वलावे रिवर सफारी भी खूब लोकप्रिय है। विविध प्रकार के हरे-भरे परिवेश के अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है।
महापेलेस्सा हॉट स्प्रिंग्स में गर्म जर्ल के प्राकृतिक स्रोत भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां कुदरती रूप से उपलब्ध गर्म जल में स्नान करना न भूलें।
गौरतलब है कि हम्बनटोटा 2004 में हिन्द महासागर में आई सुनामी से बुरी तरह से प्रभावित हुआ था परंतु हाल के वर्षों में यहां चलाई गई विकास परियोजनाओं के तहत नया बन्दरगाह तथा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्माण किया गया है। हम्बनटोटा क्रिकेट स्टेडियम भी यहां बनाया जा चूका है।
यूं मिला यह नाम:
दक्षिण तथा पूर्वी श्रीलंका में रूहाना साम्राज्य की स्थापना के पश्चात यहां सियाम, चीन तथा इंडोनेशिया से बहुत से यात्री व व्यापारी आने लगे थे जो अपने जहाजों को एक प्रकृतिक बंदरगाह अम्बलनटोटा में खड़ा करते थे। इन व्यापारियों की बड़ी नावों तथा जहाजों को ‘सम्पन’ कहा जाता और जहां ये उन्हें खड़ा करते थे उसे ‘टोटा’ कहते थे जिसका अर्थ बंदरगाह होता है। इस कारण इस क्षेत्र का नाम ‘सम्पनटोटा’ पड़ गया था जो आगे चल हम्बनटोटा हो गया।
बाद में इस क्षेत्र ने श्रीलंका में बौद्ध संस्कृति के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई थी। हम्बनटोटा के ही निकट तिस्सामहारामा बौद्ध मन्दिर है जहां भगवान बुद्ध का पवित्र दांत रखा है।
1801 से 1803 ईस्वी के करीब अंग्रेजों ने यहां की पथरीली भूमि पर प्रकाश स्तम्भ के साथ मार्टेलो टॉवर का निर्माण किया जहां से हम्बनटोटा का समुद्र दिखता है।
कोलम्बो:
श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां आनेवाले पर्यटक एक अनूठी संस्कृति से रु-ब-रु तो होते ही हैं, ढेर सारा आनंद भी यहां उनकी प्रतीक्षा करता है शहर पहुंचने के बाद टैक्सी से होटल को जाते हुए आप देखते है कि यह कितना साफ-सुथरा तथा हरा-भरा शहर है। कोलम्बो एक तटवर्ती शहर है जो हिन्द महासागर के साथ लगता है। बेइरा झील का नजारा भी बेहद सुंदर है।
शॉपिंग से गहरा लगाव रखने वालों के लिए भी कोलम्बो में बहुत कुछ है। शहर में आकर अवश्य खरीदी जाने वाली चीजों में सीलोन चाय, ब्रांडेड कपड़े (जो बेहद सस्ते है) और सुनर ज्यूलरी शामिल हैं। यहां हस्तशिल्प को समर्पित कई बाजार भी हैं। सस्ती दरों पर फैशनेबल सूती कपड़ो के लिए भी यहां के कई बाजार खासे मशहूर हैं जहां से पर्यटन इन्हें खरीद सकते हैं।