साल में एक बार हांगकांग की बंदरगाह मौज-मस्ती के माहौल में पूरी तरह से डूब जाती है। यह मौका है पारम्परिक ‘ड्रैगन बोट रेस’ का जिसमें अलग-अलग टीमें साल भर की अपनी मेहनत को परखती हैं।
हांगकांग की सदियों पुरानी इस चीनी परम्परा ने गत कुछ दशकों में जबरदस्त वापसी की है। 1976 में हांगकांग निवासियों और जापानी टीम से भरी 9 नौकाएं विक्टोरिया हार्बर से गुजरी थीं। तब से हर साल चन्द्र पंचांग के पांचवें महीने के पांचवें दिन हर साल ‘ड्रैगन बोट रेस’ आयोजित हो रही है।
एक छोटी-सी घटना के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन अब शहर के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध आयोजनों में से एक बन चुका है। हांगकांग के विभिन्न जिलों तथा कम्पनियों की टीमें इसमें मुकाबला करती हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों की बढती संख्या को भी हिस्सा लेने की अनुमति दी जाने लगी हैं।
पिछले साल जून के अंत में हुए इस मुकाबले में भाग लेने वालों की संख्या 5,000 थी। हांगकांग निवासियों के लिए यह बोट रेस अपनी ताकत अजमाने का एक एक सच्चा परीक्षण है, न कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लोककथाओं पर आधारित कोई कार्यक्रम। फिर भी यह बोट रेस दुनिया भर में मशहूर हो चुकी है जिसे देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। वैसे भी नौका रेस एक बड़ा खेल है। दुनिया भर के लगभग डेढ़ करोड़ लोग इसमें हिस्सा लेते हैं।
साल भर करते हैं अभ्यास ड्रैगन बोट रेस के लिए :
हांगकांग में बस चुके स्विस मूल के मार्कों फ्रांज भी ‘ड्रैगन बोट रेस’ में हिस्सा लेते हैं जिसके लिए उनकी टीम साल भर अभ्यास करटी है। विक्टोरिया हार्बर में होने वाली मुख्य रेस के लिए क्वालीफाई करने के लिए वे नियमित रूप से होने वाली क्वालीफिकेशन रेसों में भी हिस्सा लेते हैं।
मार्को कहते हैं, “यहां लगभग हर कम्पनी की अपनी टीम है। इसे सभी बहुत गम्भीरता से लेते हैं और इसमें हिस्सा लेना बड़ा सम्मान है।”
होता है जश्न का माहौल:
निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए 3 दिवसीय ‘ड्रैगन बोट रेस’ जश्न मनाने का अवसर भी है। बंदरगाह पर उत्सव जैसा माहौल होता है, खाने-पीने के स्टाल, झूले तथा पानी में मस्ती के आकर्षणों की वहां भरमार होती है। हजारों दर्शक अपनी-अपनी पसंदीदा टीमों का उत्साह बढ़ाते हैं। इस माहौल में टहलते हुए तरह-तरह के स्ट्रीट फूड्स को देख कर किसी को भी भूख लग सकती है।
विशेष पकवान चखने का मौका:
इनमें एक पकवान ‘जोंग्जी राइस डम्पलिंग्स’ (चावल से बना मालपुए जैसा व्यंजन) विशेष महत्व रखता है। इस बोट रेस के दौरान ही इन्हें पारम्परिक ढंग से तैयार करके परोसा जाता है। इस दौरान चावल को विशेष विधि के तहत सुल्ताना किशमिश तथा अन्य तरह के मेवों से भर कर बांस की पत्तियों पर उबाले या स्टीम करके पकाया जाता है। इस पकवान के साथ जुड़ी एक किंवदंती के अनुसार चीनी कवि क्यू यूआन अपने शहर पर कब्जा किए जाने के बाद पानी में कूद गया था। मछलियों को उसके शरीर से दूर रखने के लिए चावल के पैकेट पानी में फैंके गए थे। ‘जोंग्जी’ पकवान को उनकी याद में पकाया जाता है।
हरा-भरा महानगर ‘हांगकांग’:
बेशक, हांगकांग में इस मजेदार त्यौहार के अलावा भी पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला यह महानगर अप्रत्याशित रूप से हरा-भरा है। इसे लगभग 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है- हांगकांग टापू, कॉलून प्रायद्वीप तथा ने क्षेत्र। महानगर का दो-तिहाई हिस्सा जिसमें 262 टापू शामिल हैं अविकसित और 40 प्रतिशत प्राकृतिक रूप से संरक्षित है।
विशेष आकर्षण हैं पुराने बजार:
शाम शुई पो में स्थित पेई हो स्ट्रीट बाजार गगनचुम्बी इमारतों के बनने से पहले वाले हांगकांग की झलक दिखलाता है। चमचमाते ब्रांडेड स्टोर्स तथा बड़े रेस्तरां की बजाय छोटी दुकानें और भोजनालय यहां की खासियत हैं।
देखने और खरीदने के लिए यहां बहुत-सी लुभावनी चीजें हैं। 1960 के दशक से यहां मौजूद कुंग वो बीनकर्ड फैक्ट्री नामक रेस्तरां भी काफी मशहूर है। यहां हांगकांग का एक बेहद स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन तली हुई बीन्स वाला मीठा दही अवश्य चखना चाहिए।