लैंडगोएड डूइन एंड क्रूईडबर्ग:
नजरों के बीच एम्सटर्डम एयरपोर्ट से 30 मिनट के सफर से भी कम दूरी पर है खूबसूरत एस्टेट ‘लैंडगोएड डूइन एंड क्रूईडबर्ग’। कभी शाही परिवार के लिए शिकारगाह के रूप में इस्तेमाल होने वाली पेड़ों के बीच छुपी इस एस्टेट को अब पांच सितारा होटल, रेस्तरां तथा कन्वैंशन रूम का रूप दुया जा चुका है। इसका इतिहास भी दिलचस्प है। पुराने डच स्टाइल स्मारक जैसी इसकी इमारत 17वीं सदी की है, जब एम्सटर्डम के कई व्यापारियों ने ग्रामीण इलाकों में ऐसी एस्टेट्स बना रखी थीं। इस एस्टेट के सबसे पुराने ज्ञात स्वामी थे हैंड्रिक, जो डच ईस्ट इंडिया कम्पनी से थे। आज तक इसका स्वामित्व जमींदारों, गवर्नरों, मंत्रियों तक के पास आता रहा है और इसकी स्थापत्यकला में भी इसके अलग स्वामियों ने परिवर्तन किए। इस एस्टेट की खासियत है कि इसके हर कमरे में कला बिखरी है।
कई महल किलाबंदी करने करने के लिए बनाए गए थे, जबकि कुछ को शहर से दूर गर्मियों की छुट्टियां गुजारने के लिए रईस व्यापारियों तथा राजनीतिज्ञों ने बनवाया था। अक्सर इन्हें ऐसे खूबसूरत स्थलों तथा जलाशयों के निकट बनाया जाता था जहां तक प्रमुख शहरों से पहुंचना सुगम होता। विभिन्न प्रकार की स्थापत्यकला तथा लैंडस्केपिंग से सजे ये महल कला का अद्भुत नमूना हैं।
ऐसा ही एक सुंदर महल है – कास्टील दी हार, जो हॉलैंड का सबसे बड़ा तथा शानदार महल है। उत्रेच के ठीक बाहर स्थित यह महल एम्सटर्डम से आधे घंटे के सफर पर स्थित है।
महल के प्रवेश पर ही एक अद्भुत दृश्य आपका स्वागत करता है जब आपको महल के आस-पास खड़े पानी में हंस तैरते दिखाई देते हैं। परीकथाओं के किसी महल जैसा प्रतीत होने वाले इस महल में कई मीनारें, विशाल दरवाजे तथा झूलते पुल हैं। 13वीं सदी में निर्मित यह महल बनने की 5 सदियों बाद वीरान तथा जर्जर हो गया था। 1882 में पुरानी संरचना पर ही इस वर्तमान महल को खड़ा किया गया था। तब गोथिक शैली में इसके भीतरी हिस्सों को संवारा गया जिसकी सजावट बेहद शानदार है। महल में 200 कमरे हैं। इसके उद्यान 135 एकड़ में फैले हैं। इसमें एक विशाल रसोई है जहां बेहद बड़ा कॉपर कुकवेयर सैट है जो डच शाही परिवार से भी बड़ा है। महल के भीतर लकड़ी पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है। यहां जापान तथा चीन से लाए गए बेहद पुराने सुंदर चीनी मिट्टी के बर्तन भी सजे हैं। कपड़े की चित्र-पट्टिकाओं के अलावा यहां दिवारों पर भी एक से बढकर एक सुंदर चित्र उकेरे हुए हैं।
एमेरोंगन महल:
इस महल की वर्तमान इमारत को उस मध्यकालीन महल के स्थान पर खड़ा किया गया है, जिसे 1663 में फ्रांसीसियों ने जला दिया था। महल के साथ लगते ऐतिहासिक बागों में एक संतरे का बाग विशेष रूप से उल्लेखनीय है जिसे 1890 में लगाया गया था। यहां 1728 में बनाए गए लकड़ी के घंटाघर में आज भी उस वक्त की घड़ी लगी है जो आज भी काम कर रही है।
महल के में हॉल में बैरोक शैली में निर्मित एक सीढ़ी है। हॉल की छत पेंट की गई है। यहां पुराने जमाने में भारत से लाई गई सुंदर कसीदाकारी वाली एक चादर किसी का भी मन मोह लेती है।
इसके बगीचों में 1890 के दशक की एक शोधशाला आज भी मौजूद है। 2002 से 2011 के मध्य इस महल का बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार किया गया है।