मालदीव जाने वाले अधिकांश पर्यटक इस देश के बेहद खूबसूरत समुद्र तटों की सैर को ही प्राथमिकता देते हुए अक्सर इसकी राजधानी माले को नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, यह शहर मालदीव की रोजमर्रा की जिंदगी को करीब से देखने का मौका देता है।
जाहिर है कि टापुओं पर बने लग्जरी रिजॉर्ट्स, सफेद रेत वाले खूबसूरत समुद्र तट तथा साफ़ झिलमिलाता पानी राजधानी माले की तुलना में पर्यटकों को कहीं अधिक आकर्षित करते हैं और माले न जाकर भी उन्हें यह आभास कभी नहीं होता कि कुछ खास अनुभव उनके हाथों से छूट रहे हैं।
माले घूमने के लिए कम से कम एक दिन तो पर्यटकों को रखना ही चाहिए। लगभग 2 वर्ग किलोमीटर में फैले माले में करीब 1 लाख लोग रहते हैं और यह धरती पर सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है। जाहिर है कि कम जगह में इतने सारे लोगों के होने से कुछ समस्याओं से भी सामना होता होगा।
राजधानी में अधिकांश लोग स्कूटरों का इस्तेमाल करते हैं और शायद ही किसी के पास कार होगी। मस्जिदों, अपार्टमैंट्स तथा कार्यालय परिसरों के साथ माले हमेशा चहल-पहल से भरा रहता है, विशेषकर शाम के बाद जब तापमान गिरता है और सड़कों पर जीवन जाग उठता है।
यहां के पुरुष दिन के हर वक्त ‘शीशा बारों’ में चाय पीते नजर आते हैं जबकि हर सड़क के कोने पर साधारण रेस्तरां और कैफे भी भरे रहते हैं। हालांकि, शराब के शौकीनों को यहां निराशा होगी क्योंकि माले में शराबबंदी लागू है।
मालदीव एक शांत मुस्लिम देश रहा है लेकिन हाल के सालों में यह थोड़ा सख्त हो गया है जहां कई महिलाएं हिजाब पहनती हैं।
1970 के दशक में जब पर्यटकों का आगमन शुरू हुआ तो अधिकतर लो शानदार स्कूबा डाइविंग के लिए आते थे। शुरू में उन्हें मूंगा से बनी साधारण झोपड़ियों में रखा जाता था। 30 वर्षों तक सत्ता में रहे तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम ने पर्यटन क्षमता को पहचाना और इसके विकास पर जोर दिया।
2008 के चुनावों में वह हार गए और उनकी जगह युवा विपक्षी नेता मोहम्मद नशीद ने ली जो 2012 में सत्ता से हट कर निर्वासित हो गए। उनकी जगह अब्दुल्ला यमीन अब्दुल गयूम ने ली। हालांकि, देश में कितनी भी राजनितिक अशांति न रही हो, सभी नेताओं ने मालदीव को एक शीर्ष पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रपति गयूम के उद्देश्य को जारी रखा।
राजधानी माले मालदीव हवाई अड्डे से हाई स्पीड बोट अथवा हाइड्रोप्लेन से लगभग 20 मिनट की दूरी पर है। फिर भी अधिकांश पर्यटक वहां नहीं जाते, भले ही एक दिन इसे घूमने के लिए पर्याप्त हो।
हवाई अड्डे वाले टापू से राजधानी के लिए हर कुछ मिनट में फेरी चलती है। फेरी टर्मिनल के करीब ही इस्लामिक सैंटर है जिसमें सुनहरे गुम्बद वाली मस्जिद-अल-सुल्तान मोहम्मद ठाकुरुफानू अल औजम बेहद सुंदर है।
रास्रानी बगीचा राजधानी के कुछेक बड़े पार्कों में से एक है जो पूर्व राष्ट्रपति महल के दूसरी ओर स्थित है। टापू के बीचोंबीच छुपी-सी हुकूरू मिस्की फ्राइडे मस्जिद है। मूंगा से बना यह नमाजघर 17वीं शताब्दी में सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर प्रथम के आदेश पर बनाया गया था।
मालदीव के सैंकड़ों रिजॉर्ट टापुओं पर निर्माण लगातार जारी है लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा पर्यटकों की नजरों से परे रहता है जबकि माले में कंस्ट्रक्शन बूम सबके सामने है।
क्षमता बढ़ाने के लिए हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है और एयरपोर्ट वाले टापू को सिनामाले ब्रिज द्वारा राजधानी वाले टापू से जोड़ दिया गया है। जैसा कि इस पुल के नाम से ही स्पष्ट है इस 1.4 किलोमीटर लम्बे ब्रिज के लिए यह देश अवश्य ही चीन का शुक्रगुजार होगा, जिसकी इस देश में रूचि बढती जा रही है। पहले यहां बड़ी संख्या में चीनी लोग छुट्टी मनाने आते थे अब चीनी निवेशक भी यहां खूब पैसे लगा रहे हैं।
इस पुल की परियोजना की लागत लगभग 190 मिलियन डॉलर है जिसमें यातायात के लिए कई लेन वाली सड़क बनाई गई है। इस पुल से राजधानी माले हवाई अड्डे वाले टापू पर बनाए जा रहे विशाल नए आवासीय परिसरों से भी जुड़ गया है।
साल 2020 तक वहां 1 लाख लोगों के लिए रहने की आवास का बन्दोबस्त किए जाने का लक्ष्य है क्योंकि बड़ी संख्या में आस-पास के टापुओं से लोग राजधानी माले में रहने के लिए आने लगे हैं। साथ ही तेजी बढती पर्यटकों की संख्या को सम्भालने के लिए नए आवासों की भी जरूरत है। राजधानी में पर्यटकों के लिए कुछ नए मनोरंजन केन्द्रों का निर्माण भी किया जा रहा है।