विश्व के किसी भी अन्य देश में सूरीनाम जितने घने वर्षावन नहीं हैं। दुर्लभ स्लॉथ शाकाहारी पिरान्हा मछलियां उन कुछ अनूठी प्रजातियों में शामिल हैं जो देश के जंगलों की गहराई में ही मिलती हैं।
यदि आप सोशल मीडिया पर अपनी छुट्टियों के दौरान शानदार तस्वीरें पोस्ट करना चाहते हैं तो पहली नजर में सूरीनाम ऐसा कोई टूरिस्ट डैस्टीनेशन नहीं है लेकिन अगर आपको घने वर्षावनों तथा वहां मिलने वाले अद्भुत प्रजाति के जीवों में दिलचस्पी है तो यह आपके लिए एकदम उपयुक्त है। सूरीनाम के वर्षावनों में हमेशा धुंधलका छाया रहता है परंतु कुदरत के करीब जाने वालों के लिए यहां हर ओर कुछ न कुछ मौजूद है। सूरीनाम नदी भी कम नहीं है जिसमें गुलाबी पेट वाली गुयाना डॉल्फिन की छोटी प्रजाति है जिन्हें देखने पर लगता है कि वे हमेशा मुस्कुराती रहती हैं।
युवा स्वयंसेवकों की मदद से ‘ग्रीन हैरिटेज फंड सूरीनाम‘ 2005 से हर रविवार की सुबह इन लुप्तप्राय डॉल्फिन का निरीक्षण करने के लिए नदी को गश्त करवा रहा है। अक्सर इन स्वयंसेवकों के साथ जिज्ञासु पर्यटकं भी जाते हैं। इसका उद्देश्य पर्यावरण हितैषी ढंग से पर्यटन को बढ़ावा देना भी है। संगठन गश्त के लिए स्थानीय मछुआरों की नाव किराए पर लेता ताकि उन्हें भी इस अभियान में शामिल किया जा सके। सप्ताह में कुछ दिन पर्यटकों के लिए विशेष टूर भी आयोजित किए जाते हैं।
सूरीनाम दुनिया के कुछेक देशों में से एक है जिसे आज भी पर्यटक आकर्षणों में बड़ी जगह नहीं मिली है और ज्यादातर लोगों ने इसके बारे में सुना तक नहीं है।
दक्षिण अमरीका महाद्वीप का सबसे छोटा स्वतंत्र देश सूरीनाम औपनिवेशिक इतिहास के कारण वास्तव में एक बहुसांस्कृतिक देश है।
आज पश्चिम अफ्रीका, भारत, चीन, यूरोप और लेबनान मूल के समुदाय यहां एक – दूसरे के साथ शांतिपूर्वक मिल – जुल कर रहते हैं। यही कारण है कि यहां भोजन से लेकर हर चीज विविधता मिलती है।
राजधानी पैरामारिबो के बाहर एक स्थान से दूसरे तक जाना असंभव न सही, बेहद कठिन अवश्य है। सूरीनाम के एक बड़े हिस्से में कार से नहीं पहुंचा जा सकता है क्योंकि देश का 90 प्रतिशत हिस्सा वर्षावनों से ढंका है इसकी तट रेखा भी अच्छे से विकसित है और दक्षिण की ओर ब्रोकोपोंडो जलाशय स्थित है। इससे आगे जाने के लिए नाव की जरूरत पड़ती है। पर्यटकों के लिए फिलहाल यहां खास सुविधाएं नहीं हैं जिन्हें स्थानीय टूर ऑपरेटरों की मदद ही लेनी पड़ती है। घने वर्षावनों तक पहुंचने का एकमात्र विकल्प वायु मार्ग है। इसके कुछ हिस्सों में सोने का अवैध खनन होता रहा है जिस वजह से कई जगहों पर पेड़ों को काट कर खाली की गई जमीन नजर आ जाती है परंतु असली समस्या पारा है जिसका इस्तेमाल चट्टानों से सोने को निकालने के लिए होता है। अततः यह खतरनाक धातु नदियों में पहुंच जाती है। नदियों के कई हिस्सों में पारे का स्तर खतरनाक है।
छोटे विमान से घने जंगल में बनी मूल लोगों की बस्तियों तक पहुंच सकते हैं जहां झोपड़ियों में रहते हुए पर्यटक जंगल में घूमते हुए कुछ दिन गुजार सकते हैं।
नौका से पैरट टापू तक जा सकते हैं जहां पर्यटकों के लिए पिकनिक का इंतजाम किया जाता है। यहां के पानी में पिरान्हा मछलियां पाई जाती हैं। दुनिया के अन्य हिस्सों में लोग पिरान्हा मछलियों से लोग बहुत डरते हैं क्योंकि उनके दांत चाकू जैसे तेज होते हैं और वे अपने शिकार पर कई सौ की गिनती में हमला करके उसे कुछ ही पलों में मार सकती हैं परंतु यहां पाई जाने वाली पिरान्हा मछलियां पूरी तरह से शाकाहारी हैं इसलिए इनसे किसी को कोई खतरा नहीं होता।
ये शाकाहारी पिरान्हा विशेष प्रजातियों के पौधों को ही खाती हैं जो केवल सूरीनाम और पड़ोसी फ्रैंच गुयाना की नदियों में पाई जाती है।
यहां की मूल जनजातियों के लोग आज भी जंगल में शिकार करके गुजरा करते हैं। अधिकतर हिस्सों में शिकार की इजाजत है परंतु ‘काबालेबो नेचर रिजॉर्ट’ में शिकार पर प्रतिबंध है। यही वह जगह है जहां आमतौर पर लोग सुस्त माने जाने वाले जानवर स्लॉथ को देखने पहुंचते हैं।
स्लॉथ इस देश के प्रमुख जीवों में से एक हैं परंतु ये भी अब लुप्तप्राय हैं और इनके संरक्षण के लिए भी यहां प्रयास तेज हो चुके हैं।