शहर हुई प्रकृति की खास मेहरबानी का अहसास शहर के हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही होने लगता है। एयरपोर्ट से निकलते ही आप खुद को पहाड़ों के बीच पाते हैं। प्राकतिक सुंदरता के अलावा शहर के साथ लगते समुद्र का नीला पानी यहां कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लगता है।
केबल कार से पहाड़ की सैर: ऊंची दीवारों से घिरे डूब्रोवनिक शहर के ठीक पीछे एक पहाड़ है जिसे माऊंट सर्ड पुकारा जाता है। शहर से इस पहाड़ी की चोटी तक केबल कार ले जाती है। पहाड़ की चोटी से निचे स्थित खूबसूरत शहर और भी खूबसूरत दिखाई देने लगता है। चारदीवारी में घिरे शहर के घरों की टैराकोटा टाइलों वाली छतें तथा धूप में चमकती चूना पत्थर की गलियां बेहद आकर्षक प्रतीत होती हैं। और तो और यहां से दिखाई देता दूर तक फैला एड्रियाटिक सागर भी मन मोह लेता है। चोटी पर एक किला भी है। इम्पेरिजाल नामक इस किले का निर्माण नेपोलियोनिक युद्ध के वक्त हुआ था। पहाड़ी के पश्चिम की ओर लोकरम टापू दिखाई देता है जहां तक शहर से नौका द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
अद्भुत नजारा: पहाड़ी की चोटी पर बने रेस्तरां में ‘बिजेला कावा’ (सफेद कॉफी) की चुस्कियां लेते हुए दूर तक फैले एड्रियाटिक सागर के अद्भुत नजारे को निहार सकते हैं। आस-पास लगे जंगली संतरे के पेड़ों की सुगंध हवा के साथ आपको किसी अलग ही दुनिया में पहुँच जाने का अहसास करवाती है।
दीवारों में घिरा शहर: पुराने वक्त में आक्रमणकारियों से सुरक्षा के लिए शहर को दीवारों से घेर दिया गया था। शहर में प्रवेश के लिए दीवारों में चार गेट हैं। करीब 2 किलोमीटर लम्बी दीवारें सबसे पहले मध्य युग में बनाई गई थीं जिन्हें 17 वीं सदी तक लगातार लम्बा तथा मजबूत किया जाता रहा। इसे यूरोप की विशालतम तथा संरक्षित व पुरानी किलेबंदियों में से एक माना जाता है। आज यह शहर यूनैस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में सम्मीलित है।
हर कोने में इतिहास की झलक: शहर में स्ट्राडन नामक मुख्य सड़क है। चुना पत्थर से बने इस मार्ग के दोनों ओर दुकानें, रेस्तरां बने हैं। यह मार्ग शहर के पुराने हिस्से के प्रवेश द्वार से बंदरगाह तक जाता है। रस्ते में ही बना ओनोफ्रियो झरना एक अद्भुत नजारा पेश करता है। यह झरना 15वीं सदी में बनी शहर की उस नहर प्रणाली का हिस्सा है जो आज भी अधिकतर शहर को जल आपूर्ति करता है।
थोड़ा आगे जाने पर सिटी बैल टावर है। इसमें लगी 2 टन की घंटी को प्रत्येक घंटे पर घंटी के दोनों ओर स्थापित मारो तथा बारो नामक दो यूनानी सिपाहियों की कांस्य प्रतिमाएं बजाती हैं। इसके करीब ही बरोक स्थापना कला में बना चर्च ऑफ सेंट ब्लेइज है। 17 वीं सदी में भूकम्प से गिरजाघर को नुक्सान पहुंचा था।
शाम होते ही शहर की मुख्य सड़क तथा इमारतें सुंदर रोशनी से जगमगा उठती हैं।
सुंन्दर नजरों वाला बार: समुद्र के एकदम किनारे चट्टनों पर एक बार है जिसका नाम बुजा बार है कि यह दुनिया का सर्वोत्तम बार है जहां से समुद्र का बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। ड्रिंक्स पीते हुए करीब ही चट्टनों से टकराती समुद्र की लहरें व्यक्ति को एक अलग ही दुनिया में ले जाती हैं। यहां समुद्र को करीब से देखने के लिए चट्टानों पर रेलिंग भी लगी है जहां खड़े होकर समुद्र की खूबसूरती तथा विशालता को एहसास स्वतः ही होने लगता है।
करीब स्थित टापुओं की सैर: शहर के करीब ही समुद्र में कई खूबसूरत टापू हैं। इनमें से सबसे करीब और सबसे छोटा टापू है लोकरम। शहर के पुराने हिस्से से यह महज 60 मीटर दूर है। टापू पर एक मठ के अवशेष हैं जिनके साथ ही एक बोटैनिकल गार्डन बना है।
किसी जमाने में कैनरी टापू से मोर लाकर यहां छोड़े गए थे। आज यहां बड़ी संख्या में मोर विचरण करते दिखाई डे जाते हैं। इसी करण इसे ‘मोरों के टापू’ के नाम से भी पुकारा जाता है।