एक दशक पहले मुझे पहली बार पांडिचेरी आमंत्रित किया गया जिसे अक्सर ‘भारत की फ्रांसीसी राजधानी‘ भी कहा जाता है। मुझे वहां भारत से निकले शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय लैदर ब्रांडों में से एक हाईडिजाइन (Hidesign is a leather goods manufacturer based in Pondicherry, India) के संस्थापक दिलीप कपूर ने बुलाया था। वह 5 वर्ष के थे जब उनका परिवार अमृतसर से आकर यहां बस गया क्योंकि वे श्री अरविंद के अनुयायी थे।
पांडिचेरी शहर फ्रैंच और तमिल शैली का एक रमणीय मिश्रण है। इसके साथ आरोविले का अद्भुत आध्यात्मिक माहौल, जहां एक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय रहता है, को देख कर आप महसूस कर सकते हैं कि यहां के निवासी इस ग्रह पर किसी अन्य स्थान पर क्यों नहीं जाना चाहते।
बंगाल की खाड़ी की तटरेखा के साथ सुरम्य ईस्ट कोस्ट रोड पर साढ़े 3 घंटे की ड्राइव आपको चेन्नई से पांडिचेरी तक ले जाती है।
जैसे ही हम एक लग्जरी बुटीक होटल ‘द प्रोमेनेड‘ पहुंचे, बंगाल कौ खाड़ी के झिलमिलाते पानी को देखते हुए हम महसूस कर सकते थे कि शहर की जीवंतता इसके शांत आकर्षण में किस कदर खौंच रही थी। औपनिवेशिक काल के विला, पार्क और आकर्षक कैफे इस होटल को चारों तरफ से घेरे हुए हैं।
होटल शहर के प्राचीन ‘फ्रांसीसी’ केंद्र में समुद्र सामने स्थित है| प्रसिद्ध अमरीकी वास्तुकार रे मीकर द्वार डिजाइन किया गया होटल का अग्रभाग आसपास के फ्रांसीसी औपनिवेशिक भवनों से मेल खाता है, जबकि जर्मन वास्तुकार नौल्स स्कोनफेल्डर द्वारा डिजाइन किए गए अंदरूनी भाग स्लिक और मॉडर्न हैं।
फ्रांसीसी क्वार्टर की आकर्षक सड़कों पर चलते हुए औपनिवेशिक इमारतें नजर आती हैंजिनमें फ्रांसीसी वास्तुकला को बरकरार रखा गया है। कैफे और रेस्तरां अपने यूरोपीय व्यंजनों के लिए जाने जाते हैं।
दिलीप ने अपने दूसरे आकर्षक होटल ली डुप्लेक्स के आंगन में हमारे लिए दोपहर के भोजन का इंतजाम किया था। 8वीं शताब्दी में पांडिचेरी के मेयर के निवास के रूप में निर्मित इस भवन के जीर्णोद्धार में पूरे 4 साल लगे जिसे पूरी तरह 8वीं शताब्दी कौ पारम्परिक निर्माण शैली का पालन करते हुए पूरा किया गया।
पुरानी इमारत को ‘चेट्टीनाड एग प्लास्टर‘ से संवारा गया है। इसमें अंडे की सफेदी, समुद्री सीपियों के पाऊडर और दही को एक पतली परत दर परत से दीवारों को प्लास्टर किया जाता है।
शहर के तमिल क्वार्टर में ऐतिहासिक इमारतों को खूबसूरती से बहाल किया गया है जो कई पांडिचेरी प्रेमियों के निवास के रूप में काम आते हैं। शहर के इस हिस्से में तमिल खाना आपको उंगलियां चाटने परविवश कर सकता है। यहकुछ प्रसिद्धमंदिरों का भी घर है, जैसे श्री गोकिलाम्बल थिरुकमेश्वर मंदिर। इसे अलंकृत मूर्तियों के लिए जबकि मनकुला विनयगर मंदिर को विशाल सुनहरे रथ और सुंदर दीवारों के लिए जाना जाता है।
आप ‘बैसिलिका ऑफ द सैक्रेड हार्ट ऑफ जीसस‘ भी देख सकते हैं। 300 साल पुराना गॉधिक शैली का यह चर्च एक वास्तुशिल्प चमत्कार-सा प्रतीत होता है।
लेकिन पांडिचेरी जिसके लिए सबसे प्रसिद्ध है, वह है श्री अरविंद आश्रम। आश्रम में आज स्वयंसेवकों का एक बड़ा समुदाय रहता है। मुख्य आश्रम के केंद्र में एक छायादार प्रांगण है जिसके मध्य में पुष्पों से आच्छादित समाधि है। इसके दो अलग-अलग कक्षों में श्री अरविंद के साथ श्रीमाता के नाम से प्रसिद्ध मीरा अलफासा के अवशेष हैं।
वहां आपको मातृमंदिर नामक एक सुनहरे रंग के ग्लोब जैसे मैडिटेशन सँंटर भी जाना चाहिए। मुझे वहां एक गहन आध्यात्मिक अनुभव हुआ और सभी को यही सलाह दूंगी कि अपनी आत्मा के साथ फिर से जुड़ने के इस अमूल्य अनुभव को मिस न करें।
समुद्र तट प्रेमियों के लिए पांडिचेरी में सुंदर ऑरोविले समुद्र तट भी है।
यदि आप एक आध्यात्मिक साधक हैं, योग अभ्यासी हैं या केवल प्रकृति प्रेमी हों, तो भी पांडिचेरी आपको मंजिल बन सकता है।